Tuesday, October 26, 2010

मेरे देश के वीर जवानों के लिये......

मेरे देश के वीर जवान,तुझे मेरा शत्-शत् प्रणाम।
        सीमा पर रहते हर समय तुम,हथेली पर रखे जान।
        दुशमन की क्या हिम्मत जो,करे यहाँ कुछ नुक्सान।
        तुम्हारी एक ललकार पर,भाग जाते छोड मैदान।
मेरे देश के वीर जवान,तुझे मेरा शत्-शत् प्रणाम।
                   छाती पर गोलियाँ खा-खा कर,नहीं घबराना तुम्हारा काम।
                   देश की आन पर जब-जब,माँगा गया बलिदान।
                   हर समय तुम आगे आए,अपना सीना तान।
मेरे देश के वीर जवान,तुझे मेरा शत्-शत् प्रणाम।
         ना तू हिन्दू ना तू मुसलमान,जात-पात से तू अन्जान।
         वतन की रखवाली करना,सदा समझा पहला काम।
         तेरी हिम्मत और ताकत देख,शत्रु होते सदा हैरान।
मेरे देश के वीर जवान,तुझे मेरा शत्-शत् प्रणाम।